Tuesday, 8 February 2011

खुशनसीब

मैने आज जम के पी है,
मैं 'खुशनसीब' हूँ आज,
मेरे 'यारों' ने भी 'उल्टी' की है,
सीधी जब तलक चला,
तो था मैं 'नागवार',
जो 'उल्टा' चल दिया,
तो औरों ने भी ज़हमत की है,
आज हश्र-ओ-अंज़ाम जो भी,
मैं खुश हूँ मेरे 'खुदा' ने 'रहमत' की है!

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