Tuesday, 8 February 2011

प्यार

गहराई प्यार में होती है,
बयान-ए-मोहब्बत में नहीं,
जितनी सीधी हो प्यार की बात,
कोई चीज़ उससे 'दिलकश' नहीं,
उँचाई 'ज़ज़्बात' में होती है,
अंदाज़-ए-ज़ज़्बात में नहीं,
सचाई 'यार' में होती है,
कोई 'ख़ुदाई' में नहीं!!!

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