खाली हाथ भरे ज़ज़्बात
This is a blog of my writings and thoughts.
Tuesday, 8 February 2011
ख़ुदा
ख़ुदा को ढूँढ रहा न जाने,
खोदा तूने कहाँ-कहाँ,
जो बास करे है मेरे 'दिलबर' में,
वो कैसे मिलेगा यदा-कहाँ?
जो 'दीदार-ए-खुदा' नसीब हो भी जाए तुझे,
पर कहाँ से लाएँगा 'पाक-ओ-दिलकश' दिलबर,
खुदाई करने को ये पहले तू बता मुझे!
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment