Tuesday, 8 February 2011

मेरा 'मुक़द्दर'

मुझे 'गुमान' है उस 'जहाँ' पर,
जिसे 'हिन्दुस्तान' कहते हैं ये लोग,
करते जिसकी 'ज़ियारत' 'सरपरस्त',
उसे ही 'गुमान' कहते हैं ये लोग,
मेरे हिंद का 'बावस्ता' मेरे,
गुमान से हैं,
तू है 'हिंदू' यही' कहते हैं ये लोग,
मैं भी 'काफ़िर' मज़े से हो जाऊं,
मेरे लोग गर हैं हिन्दुस्तान ये भी सही,
पर मज़े से कह दे कि, मज़े से रहते हैं ये लोग,
और ये है 'असलीयत' की ऐसे भी
होतें हैं ये लोग!!!!

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