खाली हाथ भरे ज़ज़्बात
This is a blog of my writings and thoughts.
Sunday, 6 February 2011
लूट
मेरे 'मालिक' ने जन्नत लूट ली,
मेरे 'हिस्से' की मन्नत लूट ली,
मैं था 'बे-आसरा' सही,
वो 'खुश्बू' थी जिसने,
'ज़हमत' लूट ली,
मेरे ना-गवार शक्श तूने,
न चाहे ही सही,
पर सारी 'असमत' लूट ली!
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