Monday, 14 February 2011

प्यासा

ये ज़िंदगी थम गयी,
यूँ ही नहीं,
जो साथ था हमेशा,
अब मेरे साथ नहीं,
अब जल चुकी 'आहों' में कहाँ,
मेरा 'बास' नहीं,
मैं 'प्यासा' तो हूँ,
मगर 'ज़िंदगी' की 'प्यास' नहीं!!!

No comments:

Post a Comment