खाली हाथ भरे ज़ज़्बात
This is a blog of my writings and thoughts.
Sunday, 5 September 2010
'बात' न हो सकी
"कोई हमसे पूछे तो बताएँ,
क्या बात थी जो 'बात' न हो सकी,
'परदा-नशी' वो भी थे,
'बे-गैरत' हम भी नहीं,
अरे छोड़ो भी!
कुछ 'मतलब' की बात नहीं,
बस 'मज़हब' की बात थी!!!"
-अभिषेक बुंदेला
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