खाली हाथ भरे ज़ज़्बात
This is a blog of my writings and thoughts.
Friday, 22 April 2011
दोस्त
मैने तुझसे दोस्ती की है,
तेरे तरानो से नहीं,
मैने तेरी 'खुश्बू' ली है,
तेरे दीवानो से नहीं,
तेरे 'हुस्न-ए-तरकश' की 'बनावट',
समझ ना आएगी,
तू है 'बनावटी' माना मैने,
चलो 'निपट' लेंगे इन्ही 'बनावट' से कभी!!!
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment